घर की चार दिवारी के बाहर एक दुनिया
तेरी एक दुनिया से परे ये मेरी दुनिया
रौशनी में पंख फैलाये चिड़िया का बसेरा है ये दुनिया
उस अंधकार से दूर मेरी ये दुनिया
जहाँ हर रंग में रंगे हैं सब लोग, ऐसी मेरी दुनिया
काले गोरे में भेद भाव नहीं , ऐसी मेरी दुनिया।
-- सौम्या
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